बुधवार 4 जून 2025 - 12:51
हज; आलामी इस्लामी असेंबली है।मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी

हौज़ा / मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया के इमाम ए जुमआ हज्जतुल इस्लाम मौलाना अबुल क़ासिम ने भारतीय हाजियों से मुलाक़ात के दौरान हज और उसके फ़लसफ़े पर चर्चा करते हुए कहा कि हज एक बेमिसाल और अनुपम वैश्विक इस्लामी सभा है जहाँ दुनिया भर से मुसलमान रंग और नस्ल की भेदभाव के बिना एक ही केंद्र पर एकत्र होते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इमाम ए जुमआ मेलबर्न हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद अबुल क़ासिम रिज़वी ने मक्का मुकर्रमा के अज़ीज़िया क्षेत्र में स्थित बिल्डिंग नंबर 437 में भारतीय हाजियों, ख़ास तौर पर अलहाज मास्टर सागर हुसैनी अमलवी (SHI), स्टेट हज इंस्पेक्टर हज कमेटी ऑफ़ इंडिया से मुलाक़ात की।

इस अवसर पर उन्होंने इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम की शहादत की मुनासिबत से तमाम उलमा, मोमिनीन, मराजे-ए-उज़मा और विशेष रूप से हज़रत इमाम-ए-ज़माना अ.स की सेवा में ताज़ियत और संवेदना पेश की साथ ही, उन्होंने हज से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए।

हाजियों से अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हज एक बेमिसाल और अद्वितीय वैश्विक इस्लामी सभा है जहाँ दुनिया भर से रंग और नस्ल की भिन्नता के बिना तमाम मुसलमान एक ही केंद्र पर जमा होते हैं और एक विशेष अंदाज़ में अल्लाह की इबादत करते हैं।

अलहाज मास्टर सागर हुसैनी अमलवी (SHI) ने मौलाना अबुल क़ासिम का मोमिनीन से परिचय करवाते हुए बताया कि मौलाना अबुल क़ासिम साहब क़िबला, दरअसल हमारे वालिद मोहतरम मौलाना इब्ने हसन अमलवी वाइज़ के क़रीबी दोस्त और हमारे वतन के हिसाब से पुराने पड़ोसी हैं।

मौलाना अबुल क़ासिम की शख्सियत किसी परिचय की मोहताज नहीं है। वे अपने ज्ञान, उच्च चरित्र, शिक्षा और दीन की तालीम व तबलीग़ के सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।

हज; आलामी इस्लामी असेंबली है।मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी

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